लेखनी कहानी -10-Dec-2022
रोशनी भाग २
रोशनी के फोन उठाने पर ऋषभ बोलता है कि तुमसे मां मिलना चाहती है। रोशनी ऋषभ को मना कर देती है यह कहते हुए कि अब मैं किस नाते मिलने आऊं। ऋषभ रोशनी को कई बार उसके बाद कॉल करते हैं किंतु रोशनी ऋषभ का फोन नहीं उठाती है। 2 दिन बाद ऋषभ रोशनी के घर रोशनी से मिलने आता है। रोशनी ऋषभ को देख हैरान हो जाती है और कई सारे ख्याल उसके दिमाग में चल रहे होते है। वह सोचती है कि ऋषभ आज उससे माफी मांगने आया होगा और अब माफी मांग अपनी ग़लती को मान सब सही करने की बात कहेगा।
तभी रोशनी के सोच के जालों में कलश पड़ता है और वह देखती है रोशनी के घर वाले ऋषभ को वहां से चले जाने के लिए कहते है। ऋषभ कहता है कि मुझे बस एक बार रोशनी से बात करनी है। रोशनी कहती है ठीक है बोलो क्या कहना है। ऋषभ रोशनी के पास जाता है और उसका हाथ पकड़ कर उसकी हथेली में के लिफ़ाफ़ा रखते हुए कहता है, मेरी मां का आखरी खत। रोशनी सुन कर हैरान हो कर सून हो जाती है। तभी ऋषभ फिर बोलता है तुम से मिलना मेरी मां की आखरी ख्वाहिश थी और तुम ने अपने घमंड में उस ख्वाहिश को सुनना जरूरी नहीं समझा। कल तक मुझे लगता था कि मैंने तुम्हारे साथ बोहोत ग़लत किया तुम को धोखा दिया तुम्हारा दिल थोड़ा। लेकिन आज लगता है कि जो मैंने किया तुम्हारे साथ वो सही था। तुम इसी के लायक हो। तुम जैसी लड़की किसी के साथ के लायक नहीं हो। तुम को इतना घमंड है कि तुमने एक बार नहीं सोचा कि वो कितनी बीमार है। उन्होंने तुम्हें हमेशा अपनी बेटी की तरह समझा और तुम उनसे इंसानियत का रिश्ता भी नहीं निभा पाई। ऋषभ इतना कुछ कह चुका था कि रोशनी कुछ समझ ही नहीं पा रही थी। वो वह ख़त ले कर अपने कमरे में चली गई।
आज रोशनी को एक अलग ही दर्द और डर घेर गया था। कल तक जिस कटहरे में ऋषभ खड़ा था आज वहां रोशनी खड़ी थी मानो जैसे अभी ग्रहों ने अपनी चाल बदली हो और रोशनी की कुंडली में वहीं पर आकर बैठ गए हैं जो कल तक ऋषभ की कुंडली में बैठे हुए थे। अब हर कोई रोशनी को सवालों भरी नजरों से देख रहा था। आखिर क्यों वह मिलने नहीं गई। रोशनी ने लेकिन एक चुप्पी साध रखी थी वह कुछ नहीं बोल रही थी। धीरे-धीरे 12 साल बीत गए। सब बातें बीत चुकी थी गिले-शिकवे, शिकायते सब पीछे रह गई थी और बाकी तो वर्तमान का एक नया जीवन जहां रोशनी अब एक शादीशुदा स्त्री का जीवन की रही थी दो बच्चों की मां बनकर। सब सही ही चल रहा था तब तलक जब वह एक दिन अपने घर से वापस जाते हुए ट्रेन में ऋषभ से नहीं टकराई थी।
Gunjan Kamal
17-Dec-2022 09:13 PM
शानदार
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RAKHI Saroj
19-Dec-2022 11:09 PM
धन्यवाद
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Abhinav ji
14-Dec-2022 08:09 AM
Nice mam
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RAKHI Saroj
14-Dec-2022 09:01 AM
Thank you
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